ब्रह्मचारिणी
ब्रह्मचारिणी
माँ ब्रह्मचारिणी नवरात्रि के दूसरे दिन की पूजा की जाती है। वह माता दुर्गा के नौ रूपों में से दूसरा रूप हैं।
माँ ब्रह्मचारिणी का अर्थ:
ब्रह्मचारिणी शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है - "ब्रह्म" और "चारिणी"। "ब्रह्म" का अर्थ है आध्यात्मिक ज्ञान और "चारिणी" का अर्थ है उसकी खोज में लगी हुई। इसलिए ब्रह्मचारिणी का अर्थ है आध्यात्मिक ज्ञान की खोज में लगी हुई।
माँ ब्रह्मचारिणी की कहानी:
माँ ब्रह्मचारिणी की कहानी इस प्रकार है:
माता ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव से विवाह करने के लिए घोर तपस्या की। उन्होंने 1000 वर्षों तक केवल फल और पत्तियों का आहार लेकर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया।
माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा का महत्व:
माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा का महत्व इस प्रकार है:
- आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति
- तपस्या और संयम की शक्ति
- विवाह और संतान की प्राप्ति
- जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति
माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि:
माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि इस प्रकार है:
- स्नान और शुद्माँ
- ब्रह्मचारिणी की मूर्ति या चित्र की पूजा
- आरती और भजन
- हवन और प्रसाद का वितरण
माँ ब्रह्मचारिणी के मंत्र:
माँ ब्रह्मचारिणी के मंत्र इस प्रकार हैं:
- "ॐ ऐं ब्रह्मचारिण्यै नमः"
- "ॐ श्रीं ब्रह्मचारिण्यै नमः"
माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक ज्ञान, तपस्या और संयम की शक्ति प्राप्त होती है।
ब्रह्मचारिणी
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